बधांणगढी मंदिर उत्तराखण्ड के चमोली में जिले स्थित है। यह मंदिर दक्षिणेश्वर माँ काली को समर्पित है। मंदिर सुन्दर ऊँची पहाड़ियों के बिच स्थित है, जो प्रकृती के सुन्दर मनोरम दृश्यों से घिरा हुआ है। चारों और बांज और बुरांश के वृक्ष, और सामने हिमालय पर्वत ऐसा लगता है, जैसे हम हिमालय को किसी दर्पण में देख रहे है। यह मंदिर एक प्राचीन मंदिर है, मंदिर के आस-पास आज भी कई खण्डर देखने को मिलते है।
ग्वालदम से बधांणगढी मंदिर की दूरी मात्र 8 कि0मी0 है। माता के मंदिर में पहुँचने के लिए नजदीकी छोटा हिल स्टेशन ग्वालदम है। यहाँ से आगे ताल, होते हुये बिनातोली आखिरी मोटर वाहनों का एक छोटा सा स्टेशन है, यहाँ से बधांणगढ़ी माता के दर्शन के लिए पैदल दूरी ही तय करनी पड़ती है।
टैक्सी या बस के आखिरी पड़ाव बिनातोली से मंदिर तक पहुँचने के लिए सुन्दर सीढ़िया बनी हुयी है। बिनातोली से माता बधांणगढी मंदिर की दूरी लगभग 1.5 किमी0 है। बधांणगढ़ी मंदिर की समुद्रतल से ऊँचाई 8612 फीट है। बधांणगढ़ी मंदिर से एक रास्ता जंगलो के मध्य होते हुये प्राचीन मंदिर अंग्यारी महादेव के लिए जाता है।
इस पैदल यात्रा में प्रकृती का नजारा लेते हुये श्रद्धालु बड़ी आसानी से माता के मंदिर में पहुँच जाते है। मंदिर में माता के दर्शन के लिए साल-भर भक्तों का आना-जाना लगा रहता है। मुख्य रूप से अष्टमी के अवसर पर मंदिर में श्रद्धालुओं की यहाँ भीड़ लगी रहती है। मंदिर पहाड़ी क्षेत्र में होने के कारण सर्दियों के मौसम में यहाँ बर्फ काफी हद तक गिरती है। इस समय कई भक्त माता के दर्शन के साथ-साथ ट्रैकिग का आनन्द भी लेते है।
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