स्तुति मंत्र—
या देवी सर्वभूतेषु मां शैलपुत्री रुपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।
प्रथम स्वरूप माँ शैलपुत्री—नवरात्री के प्रथम दिवस पर मां दुर्गा की शैलपुत्री के रूप में पुजा की जाती है। मां दुर्गा का पुत्री के रूप में जन्म पर्वतराज हिमालय के यहाँ हुआ जिस कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा।
यह माता शक्ति का पहला स्वरूप है। माँ शैलपुत्री के दाएं हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल है। माँ शैलपुत्री का पूजन करने से मूलाधर चक्र जाग्रत एवं आत्मबल प्राप्त होता है।
0 Comments
thank for reading this article