बृहदेश्वर का मंदिर जो है, अपने आप में आश्चर्य जनक

यह मंदिर तमिलनाडु के तंजौर में स्थित है, 11वीं सदी आरम्भ में बृहदेश्वर या बृहदीश्वर मंदिर का निर्माण किया गया। यह मंदिर एक हिन्दू मंदिर है इस मंदिर का निर्माण 1003 - 1010 ई0 के मध्य चोल शासक राज-राजा चोल प्रथम ने किया था, उन्हीं के नाम पर इस मंदिर को राजराजेश्वर मंदिर कहते है, 

बृहदेश्वर मंदिर के शीर्ष भाग में स्थापित है, 80 टन का पाषण

इस मंदिर का शिखर उस समय के मंदिरों में से सबसे ऊँचा था मंदिर के शिखर के शीर्ष पर 80 टन का पत्थर का होना अपने आप में आश्चर्य जनक है, क्योकि उस समय किसी भी प्रकार की आधुनिक मशीनें (क्रेने) आदि उपलब्ध नहीं थी। यह मंदिर पूर्णतः ग्रेनाइट से निर्मित है, विश्व में यह पहला मंदिर है, जो ग्रेनाइट से निर्मित है। 


 

इस मंदिर को यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। वास्तुकारों द्वारा इस मंदिर का निर्माण इस ढंग से किया है कि इसके गुंबद की परछाई पृथ्वी पर नही पडती।

 


मंदिर में गोपुर के भीतर एक चौकोर मंडप है। जहाँ नन्दी जी विराजमान है। यह प्रतिमा 6 मीटर लंबी, 2.6 मी0 चौड़ी तथा 3.7 मी0 ऊँची है। मंदिर में 13 मंजिले भवन है, जिसकी ऊंचाई लगभग 66 मीटर है। मंदिर में प्रवेश करते ही 13 फीट ऊंचे शिवलिंग के दर्शन होते है, जहाँ शिवलिंग के साथ विशाल पंचमुखी नाग विराजमान है।

 

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