फूलो की घाटी

फूलो की घाटी

फूलो की घाटी भारत में उत्तराखण्ड जिले में बद्रीनाथ मार्ग में जोशीमठ से 38  कि0मी0 दूर चमोली जिले में स्थित है। जिसका अंतिम पडाव गोविन्द घाट है। यहां से फूलो की घाटी तक पहुचने के लिए कुछ दूरी पैदल या अन्य साधनो से पहुचां जा सकता है। फूलो की घाटी की खोज सर्वप्रथम फ्रैंक  स्मिथ ने 1938 में  में की थी। उन्होनें इस स्थान पर जाकर जो अनुभव प्राप्त किये तथा वैली ऑफ दी फलावर्स नामक पुस्तक मे प्रकाशित किया । इस स्थान को यूनेस्को द्वारा 1982 में विश्व धरोहर माना है ।


प्रकृति के सभी रंग मौजूद - यहां फूलो की लगभग 500 जातिया उपलब्ध है। इस स्थान पर पहुँचने पर दर्शक अपनी सभी समस्याओं को भूलकर प्रकृति के अदभूत नजारो में खो जाता है। चारो तरफ पुष्प ही
पुष्प धरती मानो अपना श्रंगार किये है।

पुष्पो की प्रजातिया - एमीमोम, मार्श, गेदा, जर्मेनियम, प्रिभुला, हिमालयी नीला पास्त, बछनाम, जिउम, तारक, स्टाªबेरी, पोअेन्टिला आदि फूलो की 500 प्रजातिया पायी जाती है।
फूलो की घाटी की यात्रा- जुलाई, अगस्त एवं सितम्बर में यहां की यात्रा की जाती है। क्योकि यह हिमानी क्षे़त्र है।  
   
 



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