तिल का तेल औषधी के रूप में
तिल का प्रयोग न केवल खाद्यय के रूप में किया जाता है। बल्कि इसमें कई औषधीय गुण भी पाये जाते है, इसमें कई प्रकार के विटामिन जैसे, विटामिन K, विटामिन E, विटामिन B काॅम्पलेक्स, विटामिन D आदि पाये जाते है, जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी उपयोगी है। तिल का तेल भारत में कर्नाटक, तमिलनाडु एवंम आंध्र प्रदेश में काफी लोकप्रिय है। तिल का वैज्ञानिक नाम - सेसामम इंडिकम है।
स्वास्थ्य की दृष्टि से तिल का तेल -
तिल के तेल में प्रोट्रीन की मात्रा पायी जाती जो कि बालो के पोषण के लिए काफी लाभदायक है। तिल के तेल का उपयोग करने से बालो का झड़ना, डैड्रफ तथा बालो को असमय सफेद होने से रोकता है।
भारतीय परम्परा के अनुसार तिल का महत्व
भगवान की पूजा-अर्चना के लिए तिल का तेल दीपक के रूप में प्रयोग किया जाता है, तथा कुछ राज्यो में जैसे दक्षिण में देवताओं पर तिल का तेल लगाया जाता है, जो कि हिन्दू धर्म की आस्था का प्रतीक है।
शिुशु की मालिश करने में तिल के तेल का उपयोग
छोटे शिशुओ की तिल के तेल से मालिश करना काफी उपयोगी माना जाता है, तिल के तेल में प्रोट्रीन एवं अमीनो एसिड होता है, जो हड्डियो को मजबूत बनाता है, एवं इसमें आक्सीकरण रोधक तत्व भी पायो जाते है, जो बुढापे की गति को धीमा करती है।
खाना बनाने में तिल के तेल का उपयोग
अन्य तेलो की अपेक्षा तिल के तेल में कम दुर्गन्ध आती है। इसे तेलो की रानी भी कहा जाता है। इसमें आमेगा 6 पाया जाता है, इससे बना भोजन न केवल स्वादिष्ट अपितु स्वास्थ के लिए भी उपयोगी है। जो कई प्रकार की व्याधी को नियंत्रित करती है।
तनाव को दूर करने में सहायक
तिल के तेल की मालिश करने से तनाव काफी कम हो जाता है।
त्वचा में नमी लाता है।
तिल का तेल में विटामिन B और E पाया जाता है, जो कि त्वचा के लिए लाभदायक है, इसका प्रयोग करने से हमारी त्वचा में नमी बरकरार रहती है। व चेहरे पर निखार आता है।
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