धनतेरस का त्योहार
धनतेरस के दिन सर्वप्रथम एक कौडी रखकर घर के मुख्य द्वार पर दीप को प्रज्वलित करना चाहिए, उसके बाद दीप को घर से बाहर दक्षिण दिशा की ओर रखना चाहिए, तथा इसके बाद धनवंतरी जी की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
प्रत्येक वर्ष धनतेरस का त्यौहार दिवावली के दो दिन पहले मनाया जाता है, इस दिन लोग अनेक प्रकार की सामग्री को अपनी सामर्थ के अनुसार सोना, चाँदी, संपति एवं बर्तन आदि खरीदते है, जो अति शुभ माना जाता है, प्राचीन ग्रंन्थो के अनुसार धनतेरस कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को मनाया जाता है। कथाओं के अनुसार समुद्र मंथन मे 9 रत्नों में से धन्वंतरि ऋषि भी एक थे, जो अमृत कलश लेकर प्रकट हुये थे, इस प्रकार समुद्र से अमृत कलश लेकर धन्वंतरि ने देवताओ को अमृतपान कराया तथा देवता अमर हो गये। इसी कारण धन्वंतरि को आरोग्य का देवता भी कहा जाता है।
धनतेरस के दिन सर्वप्रथम एक कौडी रखकर घर के मुख्य द्वार पर दीप को प्रज्वलित करना चाहिए, उसके बाद दीप को घर से बाहर दक्षिण दिशा की ओर रखना चाहिए, तथा इसके बाद धनवंतरी जी की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
0 Comments
thank for reading this article