तिरुपति बालाजी मंदिर आंध्रप्रदेश में तिरूमला पहाड़ो के बिच चित्तुर जिले में स्थित है।

यह मंदिर आंध्रप्रदेश में तिरूमला पहाड़ो के बिच चित्तुर जिले में स्थित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान तिरूपति बालाजी अपनी पत्नी पद्मावती के साथ तिरूमाला में निवास करते है। तिरूपति जी को अनेक नामो से जाना जाता जैसे- श्रीनिवास, वैंकटेश्वर, गोविंदा आदि। यह मंदिर तिरूपति पहाड़ की सातवी चोटी (वैंकटचला) पर स्थित है इसे सात पहाड़ो का भगवान भी माना जाता है।






तिरुपति बाला जी पुष्करिणी कुंड
यहां भगवान तिरूपति बाला जी के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी होती है, भक्त अपने बालों को प्रभु को समर्पित करते है जो हिन्दू धर्म की आस्था का प्रतीक है तत्पश्चात् मंदिर के निकट एक पुष्करिणी नामक तालाब में स्नान करते है, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पुष्करिणी कुंड वैकुंठ में ही भगवान विष्णु स्नान करते थे, अपने साथ धरती पे ले आये। इस कुंड में स्नान करने से भक्तों के सभी पाप धुल जाते है एवं परम सुख की प्राप्ति होती है।

तिरुपति बाला मंदिर से पदमावती समोवर मंदिर की दूरी

तिरूपति बाला जी मंदिर से 5 कि0मी0 की दूरी पर श्री पद्मावती समोवर मंदिर स्थित है। यह मंदिर भगवान तिरूपति की पत्नी को समर्पित है। तिरूपति बालाजी ( वैंकटेश्वर) भगवान विष्णु के अवतार एवं पद्मावती माता लक्ष्मी के अवतार माने जाते है, मान्यता है पदमावती समोवर मंदिर के दर्शन के बिना वैंकटेश्वर तिरूपति जी के दर्शन अधूरे है। इसलिए वैंकटेश्वर के दर्शन के बाद पदमावती समोवर मंदिर के दर्शन को आवश्यक माना जाता है। तिरूपति से 12 कि0मी0 दूर पश्चिम में श्री कल्याण वैंकटेश्वर स्वामी का मंदिर है कहा जाता है कि वैंकटेश्वर (तिरूपति) जी ने पदमावती से विवाह के पश्चात् तिरूमला जाने से पूर्व यहां रूके थे इस स्थान पर वैंकटेश्वर की मूर्ति को रेशमी वस्त्रों एवं विभिन्न प्रकार के आभूषणो से सजाया जाता है।

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