बुराँस (buras) के फुलो का उपयोग पेय के रूप में लाभदायक

यह पेड़ पूरे वर्ष भर हरा-भरा रहता है। इसमें आने वाले फूल लाल रंग के होते है। जो हरी पत्तियों के लगे होते है। ये वृक्ष ठंडे स्थान पर पाये जाते है। अधिक ऊँचाई वाले स्थानों पर सफेद रंग के बुराँस के फूल भी पाये जाते है।

बुराँस का वानस्पतिक नाम रोडोडेन्ड्राॅन अरबोरियम’ है। बुराँस उत्तराखण्ड राज्य का राज्य वृक्ष भी है। इसकी ऊँचाई लगभग 20 से 25 फुट तक होती है इसका तना कठोर तथा हल्का गुलाबी रंग का होता है। बुराँस का फूल मकर संक्रान्ति के बाद खिलता है। जहाँ भी ये वृक्ष होते है दूर से ही देखने पर इन्हें देखने की अभिलाषा मन में आ ही जाती है।

बुराँस के फूल का रंग

इसका फूल मुख्यतः गहरा लाल रंग का होता है। जो हरी पत्तियों के बिच होता है। अधिक ऊँचाई वाले स्थानों पर (लगभग 11 हजार फिट की ऊँचाई पर) सफेद रंग के बुराँस भी पाये जाते है।

उपयोग

जूस के रूप में- बुराँस के फुलो का उपयोग पेय के रूप में किया ताजा है। इसका जूस हृदय रोगियों के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसके अलावा इसके फूलो से रंग आदि भी तैयार किया जाता है।

स्वाद-
बुराँस का स्वाद हल्का खट्टा होता है। इसमें कुछ मात्रा में हल्की मिठास भी पायी जाती है।

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