हस्त मुद्रा के फायदे

हस्त मुद्राये शरीर को स्वस्थ और निरोगी बनाते है। भगवान शिव, माता सरस्वती, भगवान बुद्ध आदि अनेको ऋषि-मुनियो की तस्वीरे तथा मूर्ति में ये मुद्राये देखने को मिलती है। हस्त मुद्राओ में दोनों हाथो की 10 अंगुलियों को उपयोग में लाया जाता है। प्रत्येक हस्त मुद्रा का अलग-अलग महत्त्व है। जो हमारे आध्यात्मिक विकास में सहायक होने के साथ हमे निरोगी बनाने में भी सहायक है।

हस्त मुद्रा के प्रकार— ज्ञान मुद्रा, योग मुद्रा, आपान मुद्रा, शुन्य मुद्रा लिंग मुद्रा, प्राण मुद्रा, आकाश मुद्रा, सूर्य मुद्रा, वायु मुद्रा आदि अनेको हस्त मुद्राये है।

ज्ञान मुद्रा योग— इस मुद्रा में हाथ की अंगुली की दो अंगुलियो अंगूठा तथा तर्जनी को उपयोग में लाया जाता है। जहाँ अंगूठा अग्नि का प्रतीक है। और तर्जनी वायु का प्रतीक है। इस मुद्रा में अंगूठे को तर्जनी से स्पर्श करते है। ज्ञान मुद्रा को बैठकर, लेटकर, खडे़ होकर एवं चलते-फिरते किसी भी स्थिति में कर सकते है।


ज्ञान मुद्रा के लाभ— ज्ञान मुद्रा शरीर में होने वाले कई विकारो को दूर करने में सहायक है। इस मुद्रा से अनिद्रा, घबराहट, क्रोध, अस्थिरता, मानसिक तनाव, आलस्य आदि विकार दूर होते है।

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