अगर घर में तुलसी का पौधा है तो जाने इसके फायदे

तुलसी का पौधा आज हर घर में पाया जाता है। कई लोग इसका प्रयोग औषधि के रूप में करते है, तो कई लोग तुलसी के पौधे की नित्य पूजा-पाठ और जल चढ़ाते है। हिन्दु धर्म में तुलसी के पौधे को पवित्र माना गया है। माना जाता है कि तुलसी की पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते है। सामान्यतः तुलसी के पौध का रंग लाल और सफेद होता है।

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तुलसी का पौधा औषधीय उपयोग

यह पौधा कई औषधिय गुणों से भरा है। न केवल इसके पत्तों को उपयोग में लाया जाता है। अपितु पौधे के सभी भागों को पत्ती, फूल, तना, जड़ को औषधीय रूप में प्रयोग किया जाता है। तुलसी के पौधे में एंटी-ऑक्सीडेंट,  एंटी इफ्लेमेंट्री, एंटी बैक्ट्रीरियल और एंटि-बायोटिक गुण पाये जाते है।

  1. इसका सेवन करने से शरीर में रोग प्रतिरोधकता क्षमता बढ़ती है। 
  2. सर्दी, जुकाम, खांसी में भी यह काफी उपयोगी है।
  3. इसका सेवन करने से मुँह की दुर्गंध दूर होती है।
  4. शरीर के किसी भाग में जलन और सूजन होने पर तुलसी राहत पहुँचाती है।

तुलसी का पौधा उगाने की विधि

इस पौधे को उगाने के लिए ज्यादा मेहनत की जरूरत नही होती है। सर्वप्रथम एक गमला या अन्य किसी बर्तन में मिट्टी और जैविक खाद (गाय के गोबर) को आपस में अच्छी तरह मिक्स कर ले, खाद को उचित मात्रा में ही प्रयोग करे तथा गमला या बर्तन में डाल दे बर्तन को मिट्टी से पूरा न भरे कुछ खाली स्थान रखे, ताकि पौधा उगने पर इसे पानी देने में कोई परेशानी न आए और फिर तुलसी के बीजों को रोपित कर दे। गमले में डाली गयी मिट्टी में उपर से थोड़ा पानी का छिड़काव कर दे पानी इतना अधिक भी ना डाले की बीज खराब हो जाए, कुछ ही दिनो के बाद तुलसी के पौध उग आयेगे। फिर इसे मौसम के हिसाब से पौधे को शुद्ध जल दे। पौध के उगने पर पौध के उपर से पानी न डाले बल्कि किनारे से पानी दे। तुलसी का पौधा हमारी धार्मिक आस्था का प्रतीक है। इसलिए इसे हमेशा शुद्ध जल दे।

यदि आपके पास पौध पहले से ही तैयार है, तो इसे गमले या अन्य बर्तन में मिट्टी और जैविक खाद और पानी को उचित मात्रा में अच्छे ढंग से मिक्स कर ले गिली मिट्टी में पौध की जड़े आसानी से लग जाती है। मौसम के अनुसार पौधे को उचित मात्रा में शुद्ध जल दे।

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