sukhasana yoga in hindi

इस भाग दौड़ की जिन्दगी यदि शरीर को स्वस्थ रखना है। तो योग आवश्यक है। आज जानेगे सुखासन के बारे में सुखासन दो शब्दों से मिलकर बना सुख+आसन अर्थात सुख आराम की स्थिति एवं आसन बिछोना दरी या मेट आदि यह आसनों में से सबसे सरल आसन है।

  • सर्वप्रथम जमीन पर आसान बिछाते है। जैसे दरी, मेट आदि।
  • पालती मारकर बैठते है। तथा जिसमें बाएं पैर की एडी दाहिने जंघे पर तथा दाएं पैर की एडी बाएं जंघे पर रखते है।
  • मेरूदण्ड (कमर) को सीधी रखे।
  • अपने कंघो को ढीला करे तथा धीरे-धीरे श्वास अन्दर की ओर ले और फिर धीरे-धीरे श्वास को बाहर छोडे़
  • गहरी एवं लंबी श्वास खीचें तथा ध्यान अपनी श्वासों पर केन्द्रित करे।
लाभ—
  • यह आसन तनाव, एंजाइटी आदि को दूर करने में सहायक है। 
  • यह आसन मेरूदण्ड (रीढ़ की हड्डी) में होने वाले रोगों में लाभदायक।
  • सुखासन से मन शांत एवं चित्त एकाग्र होता है।
सावधानियाँ
  • घुटने आदि में दर्द होने पर यह आसन नही करना चाहिए।

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