गेंदे के फूल प्रायः घर के आंगनो, बगीचों व गमलों में आसानी से उगाया जाने वाला पुष्प है। इसका वैज्ञानिक नाम टैजेटस स्पीसीज है।, अंगे्रजी में इसे मेरीगोल्ड फ्लावर के नाम से जाना जाता है। मारवाडी भाषा में इसे हंजारी गजरा तथा गुजराती भाषा में इसे गलगोटा कहा जाता है।
गेंदे के फूलो को मुख्य रूप से विभिन्न प्रकार के समाजिक उत्सवों, धार्मिक कार्यो में प्रयोग में लाया जाता है। भारत में गेंदे के फूल सभी जगह पाये जाते है। मैदानी भागो में इन्हें प्रचूर मात्रा में उगाया जाता है। यदि गेंदे फूलो को खेती की दृष्टि से देखा जाय, तो इसे सभी मौसमों सर्दी, गर्मी और वर्षा काल में इसकी खेती आसानी से की जा सकती है। गेंदे के फूल की माला बनायी जाती है, तथा उससे आय प्राप्त की जाती है।
गेंदे के फूल के औषधीय प्रयोग
गेंदे के फूलो में एंटी-बैक्ट्रीयल, एंटी-इंफ्लेमेट्री आदि गुण विद्यमान होते है, जो शरीर में होने वाले कई रोग के उपचार में सहायक है।
- शरीर के किसी भाग में सूजन होने पर उस भाग में इसकी पत्तियों का पेस्ट बनाकर उस स्थान पर लगाने से लाभ मिलता है।
- कान में दर्द होन पर इसके फूलो के रस की बूँद को कान में डालने पर लाभ मिलता है।
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