प्रकृति में सभी कीट हानिकारक नहीं होते कुछ कीट ऐसे भी है, जो मानव को लाभ पहुँचाते है, उनमें से एक है रेशम का कीट ये शहतूत के पेड़ पर अण्डे देता है, 10 दिनों के अन्दर ये अण्डे केटपिलर लार्वा में बदल जाते है, यह लार्वा 40 दिनो के भीतर सक्रिय होकर बढ़ता है, जिससे एक लंबे धागे का खोल बन जाता है, जिसे कुकून कहते है।
रेशम प्राप्त करने के लिए व्यस्क कीट को बाहर निकलने से पहले कुकून को खोलते हुये जल में डाल दिया जाता है, फिर इससे धागा अलग करने के बाद इससे कपड़ा तैयार किया जाता है।
रेशम कीट का आर्थिक महत्व
कपड़े के अलावा इससे पैरासूट तथा टसर सिल्क माथ के प्यूपा से तेल प्राप्त करते है, जिसका उपयोग औषधीय में किया जाता है। रेशम कीट पालन एक अच्छा व्यवसाय है, जिससे जो बेरोजगार युवको को रोजगार दिलाने में सहायक है, 25000 कुकून से लगभग 1 पौण्ड रेशम प्राप्त किया जाता है।
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