मुक्तेश्वर उत्तराखण्ड में स्थित प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर एक सुन्दर हिल स्टेशन है, यह एक पहाड़ी शहर है। यहाँ देखने के लिए देवदार के वृक्ष, बुरांश के वृक्ष जो सुन्दर लाल पुष्पों
से लदे हुये, मनमोह लेने वाले होते है, जो शहर की भीड़-भाड से दूर प्रकृति
प्रेमीयों के लिए एक बेहद खुबसूरत स्थान है। यह स्थान पर्यटक स्थल होने के साथ-साथ एक धार्मिक स्थल भी है। यहाँ पर धार्मिक स्थल की यात्रा करने के साथ-साथ ट्रैकिंग, राॅक क्लाइम्बिंग, रैपलिंग आदि करके यात्रा को सुखद बना सकते है।
एक ऐसा स्थान जहाँ शान्ति और
शुकुन मिलता है। यदि आसमान साफ हो तो यहाँ उगते हुये, सूरज के साथ
हिमालय का नजारा बेहद ही खुबसूरत देखने को मिलता है। मानो हिमालय हमारे पास
ही है और हिमालय ने सुन्दर चाँदी की चादर ओढ़ी हो। इस सुन्दर दृश्य को
देखने के साथ-साथ फोटोग्राफी से कुछ यादगार पलों को अपने साथ रख सकते है।
मुक्तेश्वर महादेव का मंदिर
सुन्दर प्राकृतिक दृश्यों के साथ मंदिर में पहुँचने के लिए लगभग 100
सीढ़िया चढ़नी पड़ती है, तत्पश्चात मंदिर में भगवान शिव एवं माता पार्वती के
दर्शन मिलते है, मंदिर में सफेद संगमरमर का शिवलिंग जिसमें तांबे की योनी है।
इसके अलावा यहाँ पर भगवान राम, लक्ष्मण, सीता एवं हनुमान
जी की मूर्तिया भी विराजमान है।
मुक्तेश्वर का नाम 350 साल पुराने शिव मंदिर के नाम से जुड़ा है, जहाँ भगवान शिव ने एक असुर का वध कर उसे मुक्ति प्रदान की थी। इसीलिए इस छोटे से हिल स्टेशन का नाम मुक्तेश्वर पड़ा। यह समुद्रतल से 2286 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। नैनीताल से यहा की दूरी लगभग 50 किमी है यहां पर सुन्दर रोलिंग घास के मैदान है।
चौली की जाली या चौथी की जाली
यह स्थान मुक्तेश्वर महादेव मंदिर के पास ही स्थित है, जहाँ एक पगडंडी से होते हुये यहाँ पहुँचा जा सकता है। यहाँ पर कई चट्टानें है, जहाँ से प्रकति के सुन्दर नजारों को देखा जा सकता है। चट्टान के बीचों-बीच एक छिद्र है, मान्यता है, कि यदि कोई निसंतान स्त्री इस छिद्र से आर-पार गुजर जाय तो उसे संतान की प्राप्ति होती है।
1 Comments
good job
ReplyDeletethank for reading this article