बेल के पत्ते तथा फल दोनों ही उपयोगी होते है, इसकी पत्तिया तीन पत्रक वाले होते है, इसके फूलो का रंग सफेद होता है, इनके पुष्प मई माह में लगते है, तथा मार्च से मई तक फल तैयार हो जाते है। एवं फल गोल आकृति के होते है, फल का बाहरी आवरण मजबूत तथा ये पकने से पहले हरे रंग के तथा पकने के बाद सुनहरे पीले रंग के हो जाते है।
फलो के गूदें को गर्मियों के मौसम में जूस बनाकर उपयोग में लाया जाता है। बेल के पेड़ का फल, पत्ते, छाल सभी का उपयोग औषधी के रूप में किया जाता है।
बेल के पत्तियों पर तीन पत्तिया लगी होती है। इसका वानस्पतिक नाम एैंग्ले मार्मेलोस है। उसके पत्तों में मैग्नेशियम, लोह, पोटेशियम, कैल्शियम आदि तत्व पाये जाते हैै।
बेलपत्र का वृक्ष तथा उसका धार्मिक महत्त्व
भगवान शिव को बिल्व पत्र अत्यधिक पसंद है, सावन के महीनों में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते समय बिल्व पत्र चढ़ाये जाते है। बिल्व पत्र के पेड़ मंदिर में लगाये जाते है।
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