भूने हुये मक्के में लगा नीबू, तथा नमक का अपना स्वाद ही अलग होता है, भूने हुये मक्के की खुशबु जो सभी को आकर्षित करती है, मकई जिसे भुट्टा भी कहा जाता है। संस्कृत में इसे महाकाय कहते है। विशेषकर बरसात के मौसम में ताजे-ताजे भुट्टे खाना भला कौन पसंद नही करता है। भुट्टा स्वादिष्ट होने के साथ अनेक पोषक तत्वों में भरा हुआ है। मक्का या भुट्टा स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद है। इसमें विटामिन, फाइबर, मैग्नेशियम, आयरन, बीटा-कैरोटिन, कैरोटेनायड्स, बायोफ्लेवोनाॅयड्स आदि पोषक तत्व पाये जाते है।
भुट्टा या मकई जो मोटे अनाज की श्रेणी में आता है। इसका वैज्ञानिक नाम जी-मेज तथा अंग्रजी में इसे कार्न कहते है, इसकी पैदावार उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, बिहार, राजस्थान, आदि राज्यों में इसकी पैदावार होती है। मक्का खरीफ ऋतु की फसल है।
मक्का के पेड़ से मक्का अलग कर इसके बचे शेष भाग का उपयोग पशुओं के चारे के रूप में किया जाता है। जिसे दुधारू पशुओं के लिए काफी उत्तम माना जाता है। कई प्रान्तों में गेहूँ की भाँती मक्का के आटा से रोटिया तैयार की जाती है, जिसे सरसों के साग के साथ प्रयोग किया जाता है।
मक्का बीज से पाॅपकाॅर्न
पाॅपकाॅर्न जिसे मकई से तैयार किया जाता है। दुनियाभर में इसे बडे़ चाव के साथ खाया जाता है। विशेषकर मूवी देखते वक्त यह टाइम-पास का एक अच्छा साधन है। घर के कीचन में भी इसे आसानी से कडाही या प्रेशर कुकर में तैयार कर सकते है। कहाडी या प्रेशर कुकर में बटर या तेल डालकर उसे हल्की आँच में रखकर उसमें मक्के के बीज तथा हल्का नमक डालकर उसे किसी ढक्कन से कवर कर लेते है ताकि पाॅपकाॅर्न तैयार होते समय वे उछले व बिखरे नही। यदि पाॅपकाॅर्न कलर में बनाने है तो उसमें थोड़ी मात्रा हल्दी की डाल देते है।
मक्का के औषधीय गुण
- मक्के में बायोफ्लेवोनाॅयड्स, कैरोटेनायड्स एवं विटामिन सी पाया जाता है जो दिल की बिमारियों के लिए काफी फायदेमंद है।
- इसमें फोलिक एसिड पाया जाता है, जो गर्भवती महिलाओं के लिए काफी फायेदेमंद है।
- मक्का खाने के बाद शेष बचे भाग को बीच से तोड़कर सुघा जाय तो यह जुकाम में राहत देता है।
- इसमें फोलिक एसिड पाया जाता है, जो गर्मवती महिलाओं के लिए काफी फायदेमंद है।
- मक्के को खाने के बाद शेष बचे भाग को जलाकर भस्म बनाकर उपयोग करने से खांसी आदि रोग में लाभ मिलता है।
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