देवीधुरा का बग्वाल मेला प्रसिद्ध है, पाषाण युद्ध के लिए

देवीधुरा जो उत्तराखण्ड राज्य में स्थित है, यहाँ वाराही देवी का प्रसिद्ध मंदिर है, प्रतिवर्ष श्रावणी पूर्णिमा को रक्षाबंधन के पवित्र अवसर पर यहाँ 15 दिनों तक मेला लगता है, देवीधुरा मेला को बग्वाल मेले के नाम से जाना जाता है। इस बग्वाल मेले में स्थानीय लोगों के अलावा देश के अन्य जगह से भी लोग इस मेले को देखने के लिए आते है।

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इस पाषाण युद्ध में लोग चार अलग-अलग दल बनाते है, जो चाम्याल खाम, बालिक खाम, लमगडिया खाम, और गडहवाल आदि है दो समूहों में विभाजित होते है, दोनों समूहों के मध्य पाषाण युद्ध होता है, दोनों समूह एक दूसरे के उपर पत्थर बरसाते है, पत्थरों से बचने के लिए लोगों द्वारा बांस से बनी हुयी छतरियों को उपयोग में लाया जाता है। मान्यता है, कि यदि बग्वाल खेलने वाला (पाषाण युद्ध) व्यक्ति शुद्ध एवं पवित्र है, तो उसे पत्थर की चोट नही लगती है।

कैसे पहुँचे

लोहाघाट से यहाँ की दूरी लगभग 58 कि0मी0 तथा चम्पावत से यहाँ की दूरी 61 कि0मी0 है। दिल्ली से देवीधूरा 383 कि0मी0, हल्द्वानी से देवीधूरा 108 कि0मी0, नैनीताल से 96 कि0मी0, अल्मोडा से 79 कि0मी0, चम्पावत से 55 कि0मी0 की दूरी पर पर स्थित है। जहाँ बस या टैक्सी से आसानी से पहुँचा जा सकता है,

इसका नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जहाँ से देवीधूरा की दूरी 105 कि0मी0 है, तथा निकटतम एअरपोर्ट पंतनगर है, जिसकी दूरी देवीधूरा से 135 कि0मी0 है।


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